समर की शादी के मौके पर, पूरा परिवार अनुपमा के साथ अच्छे पुराने दिनों की याद करेंगा, लेकिन कुछ लोग यह देख तमाशा बनाते हुए बाज नहीं आएंगे। लीला शादी से पहले ही सबके सामने डिंपी को शर्मिंदा कर देगी।
फिर होगा माया अनुपमा का आमना-सामना, अनुज लेगा अपनी अनु के लिए बड़ा फैसला
स्टार प्लस के शो अनुपमा के सोमवार के एपिसोड में दर्शकों को माया और अनुपमा के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिलेगी। जब अनुपमा अनुज से कुछ जरूरी बात कर रही होगी, तभी माया कबाब में हड्डी बनकर आएगी।
वह अनुज को बताएगी कि पंडित जी उसे बाकी की रस्मों के लिए बुला रहे हैं। माया तब अनुपमा पर रौब जमाते हुए खरी-खोटी सुनाने लगेगी और कहेगी कि कैसे वह घर पर कब्जा कर ली और अब वह सारे घर पर राज कर रही है।
समर की शादी में अनुपमा पर धोब जमाएगी माया
आज के एपिसोड में अनुपमा अनुज से अपना दुख बयां करती नजर आएंगी। वह बताती हैं कि शुरुआती कदम उठाना मुश्किल होता है, लेकिन आखिरी कदम उठाना पहले कदम से भी ज्यादा मुश्किल होता है।
तभी अनुज अनुपमा के चरणों में फूल रखता है और उसे विश्वास दिलाता है कि उनके अलग होने के बावजूद भी घर में सब कुछ उसी का है। हर चीज पर अनुपमा का मालिकाना हक रहेगा। अनुपमा अनुज के सहारे घर में प्रवेश करती है और अनुपमा अपनी पुरानी यादों में खो जाती हैं।
दूसरी तरफ बा लड़की वालों की सजावट देखकर बहुत ही हैरान हो जाती हैं और कहती हैं कि काफी ज्यादा खर्चा हुआ है। डोली बा को कहती है कि हम लड़के वाले हैं हमें क्या लेना देना है इस सारे खर्चे से। तभी बा डोली को कहती है कि देखो माया कैसे पूरा घर घूम रही है जैसे कि यह उसका अपना घर हो।
बा के कारण होगा शादी में हंगामा
इस बीच माया अनुपमा से कहती है कि उसे अपने घर में मेहमान बनकर आने में बहुत बुरा लग रहा होगा। तभी अनुपमा माया को करारा जवाब देते हुए कहती है कि बुरा लगना बहुत पहले ही मैंने छोड़ दिया है। मैंने ममता के लिए ईमानदारी से लड़ाई लड़ी, लेकिन तुमने तो बेईमानी की सारी हदें पार कर दी।
माया कहती है कि यह तो नियति है। आप थोड़े समय के लिए अनुज को मेरे पास छोड़कर गई थी, लेकिन अब वह मेरा है और मैं जल्द ही उसे अपना बना लूंगी।
अनूपमा माया को कहती है कि किस्मत कभी भी बदल सकती हैं, इसलिए तुम्हें खुद पर ध्यान देना चाहिए। मेरे कान्हा जी मेरे साथ हैं तुम्हारे कर्मों का फल जल्दी ही तुम्हें देंगे।
दूसरी ओर बा हंगामा करने लगती हैं। वह डिंपी को बताती है कि वह कितनी खुशकिस्मत है कि अनुज उसकी शादी का सारा खर्च उठा रहा है जैसे कि वह उसकी अपनी बेटी हो। अनुज का बड़ा दिल है और उसने पहले छोटी अनु और माया का ख्याल रखा और अब डिंपी का।
बा के इस व्यवहार को देखकर वनराज शर्मिंदा महसूस करता है और सभी से माफी मांगता है। पंडित जी डिंपी के माता-पिता को बुलाते हैं और लड़के को उनका स्वागत करने के लिए कहते हैं, जिसके बाद माया अनुज के बगल में खड़ी होती है और समर और डिंपी की वरमाला होती है।