“खेसारी के होली” भोजपुरी एल्बम का गाना भउजी अकडो ना पकड़ो जरा खेसारी लाल यादव और नीतू सिंह जादौन ने गाया है, जबकि गाने के बोल प्यारेलाल कवि जी, आज़ाद सिंह व श्याम देहाती ने लिखे है और संगीत आशीष वर्मा ने दिया है।
फागुन महीने में भाभी अपने देवर से दूर भाग रही हैं और अपनी अकड़ दिखा रही हैं। लेकिन देवर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा हैं और अपनी प्यारी भाभी को तंग कर रहा हैं। देवर बच्चा नहीं रहा हैं अब बड़ा हो चूका हैं और अपनी भाभी के साथ मौज मस्ती करना चाहता हैं। आख़िरकार होली के मौके पर देवर अपनी भाभी को अपने रंग में रंग लेता हैं।
Bhauji Akado Na Pakado Jara Song Lyrics
भउजी अकडो ना पकड़ो एक बार जरा
जो पिया ना मुझसे पाओगो तुम
बिना डाले जो गया तो पछता वो जो तुम
फगुआ में एटो ना बैठो देवर
काम करते ही फट से मुजक जाएगी
अभी कचा हैं तू पिचकारी पकड़ते ही पुच्ग जाएगी
मर्द हो चूका मैं लइका नहीं
देखलो आजमाके जान जाओगे तुम
सत्कार करलो पिचकारी तुम मेरा
बिना डाले जो गया तो पछता वो जो तुम
ढेर छड़को नहीं ज्यादा भड़को नहीं
चीज योजे के कैच चुक जाएगी
अभी कचा हैं तू पिचकारी पकड़ते ही पुच्ग जाएगी
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