Wednesday, April 24, 2024
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रितेश पांडे के संघर्ष की कहानी

Ritesh Pandey Biography1

भोजपुरी फिल्मो के अभिनेता व गायक रितेश पाण्डे को बचपन से ही गाने का शोक था। बिहार के रोहतास जिला, सासाराम से 20 किलोमीटर दुरी पर बसे एक गांव करगहर के रहने वाले रितेश पांडे के संघर्ष की कहानी भी किसी मुश्किलों के पहाड़ से कम नहीं रही। हालही एक इंटरव्यू में हुई बातचीत के दौरान रितेश पांडेय ने अपने जीवन संघर्ष की कहानी बताई, उन्होंने बताया की बचपन में परिवार की आर्थिक स्थति काफी दयनीय होने के कारण रितेश पांडेय के पिता उनको लेकर बनारस आये थे।

अच्छी पढाई के कारण पिताजी बनारस में एक स्कूल में अध्यापक की उपाधि पर रहे। जिस विद्यालय में उनके पिता जी पढ़ाते थे उसी विद्यालय में रितेश पांडेय पढ़ा करते थे। धीरे धीरे उनके पिताजी विद्यालय में पढ़ाने के अतिरिक्त बच्चो को टयूशन भी देने लगे। जब तक उनका पूरा परिवार बनारस आता तब तक रितेश एंटर पास कर चुके थे। बता दे उस समय रितेश ने बायोलॉजी विषय से लगभग 72 प्रतिशत अंको से एंटर पास की थी। इसे देख सभी ने उन्हें कोटा जाकर पी. एम.टी की तैयार का सुझाव दिया।

बताये अनुसार रितेश पाण्डे को बचपन से ही गाने का शोक था। साथ ही जब भी वो गाया करते तो सभी लोग उनकी प्रशंसा भी किया करते थे। कई लोगो का तो यह भी कहना था की इतना अच्छा गाते हो तो आप इसे ही अपना करियर क्यों नहीं बनाते? जब रितेश ने पूर्ण निश्चय कर लिए की उन्हें सिंगिंग को ही अपना करियर बनाना हैं। इनके इस फैसले से परिवार में सभी ने इसका विरोध किया क्योकि सभी चाहते थे की 72 प्रतिशत अंको से एंटर पास करने के बाद उन्हें कोटा जाकर पी. एम.टी की तैयार करनी चाहिए।

रितेश पांडेय ने बनारस के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ युनिवर्सिटी से बी.एम (बैचलर्स ऑफ़ म्यूजिक) की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद धीरे धीरे गाने लगे, गाना गाने के बाद भी उन्हें एक बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से उन्हें इस क्षेत्र में कोई प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा था। कई कठिनाइयों के चलते वह बनारस के एक स्टूडियो में पहुंचे, वहाँ उन्होंने एक एल्बम निकलवाया। इस एल्बम के लिए उन्होंने कहीं से जुगाड़ करके पैसा इक्कट्ठा किया और खर्चा करने के बाद भी उन्हें इस एल्बम पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।

सारे पैसे समाप्त होने के बाद रितेश अपने घर भी नहीं जा सकते थे, क्योकि सभी उनसे सवाल जवाब करते। इसलिए जिस स्टूडियो में उन्होंने अपने एल्बम बनवाये थे उन्होंने वही काम करना शुरू कर दिया। रितेश ने लगभग दो साल तक वहाँ काम किया। दो साल तक उनका वहीं खाना, पीना, सोना रहा। जब वो अच्छे सिंगर न बन पाए तो उन्होंने रिकॉर्डिंग सीखना स्टार्ट कर दिया। बता दे रितेश पांडे को रिकॉर्डिंग करना भी आता हैं।

इस सब के चलते रितेश ने एक बार और प्रयास किया और उन्होंने एक गाना गाया, जिसका नाम था ‘करूआ तेल’ इस गाने को खुद रितेश पांडेय एक पेन ड्राइव में लेकर बिहार और यू पी के प्रत्येक शहर में दूकान से दूकान तक बाइक से पहुँचाये थे। उन्होंने दुकानदारों से कहा की आप इस गाने को हर मोबाइल में डालिये। इस प्रकार रितेश पांडेय की मेहनत रंग लाई और देखते ही देखते गाना बहुत बड़ा हिट हो गया।

इस गाने के हिट होने के बाद उनके पास कई एल्बमों के ऑफर्स आने लगे। बता दे हालही में रितेश पांडेय ने एक गाना गाया हैं जिसका नाम हैं “पियवा से पहले”, इस गाने को केवल दस दिन में 60 लाख से अधिक हिट्स मिले हैं। उसके लिए रितेश पांडेय अपने सभी फैंस और दर्शको को धन्यवाद देते हैं। रितेश की आने वाली फिल्मो में नाचे नागिन गली गली, दरार 2, साथ ही राजा राजकुमार की शूटिंग प्रगति पर हैं।

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