उठेला जब घघरी | Neelkamal Singh | Lyrics

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नीलकमल सिंह की आवाज नया भोजपुरी गाना उठेला जब घघरी वेव म्यूजिक की ओर से प्रस्तुत हुआ हैं। भोजपुरी एल्बम “उठेला जब घघरी” के सांग का म्यूजिक कलिका स्टूडियो ने कम्पोज किया हैं जबकि गीत के प्यारे से बोल अरुण बिहारी ने लिखे हैं।

गौरी की चढ़ती जवानी को देखकर आशिक को मन मचल रहा हैं और सब उसे अपनी रानी बनाना चाहते हैं। सजनी की चढ़ती जवानी पर उसका काबू नहीं हैं और जब भी कोई उसके देह को छूता हैं तो उसका मन बैचेन हो जाता हैं। उसके तीखे तीखे नैनो ने आशिको का दिल घायल कर रखा हैं और आशिक उसे अपने अपने प्रेम जाल में फंसाना चाहते हैं।

Uthela Jab Ghaghari Song Lyrics

अइसे के देखेला अंखिया गड़ाके
कवन मजा मिलेला मुंह में धराके
चोली में ना डालो हाथ जबरी ही
लहू के डगर चिकन उठेला जब घघरी
भीतरी से जाला मन बिगड़ उठेला जब घघरी

अधवे दिखानी तो होखता बैचेनी
तोहरा नियन लेकिन ढेर पार कइनी
घर से मिजाज हम बनाके आईनी
बिना सोधावाले उड़व अब जवानी
तोहरा से कुछ ना कबरी
लहू के डगर चिकन उठेला जब घघरी
भीतरी से जाला मन बिगड़ उठेला जब घघरी

छुवे तानी दहिया ना सट हमरा जरी
रास गर्मी मोना तो रस रस करी
नीलकमल नीरज से होइ जब भेट हो
कहा तानी ओहे दिन के आई भरा पेट हो
अरुण बिहारी जनी हहरी
लहू के डगर चिकन उठेला जब घघरी
भीतरी से जाला मन बिगड़ उठेला जब घघरी

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