अपने बालम को बुलाती सजनी का सावन की रिमझिम फुहार का सुंदर गीत बलम कब आओगे गोरी के दिल में कई अरमान जगा गया| गायिका कल्पना की आवाज़ में इंद्र राजा के बरसने और बिजली कड़कने पर साजन को देखने के लिए सजनी तड़पने लगी| मुकेश पांडे के लिखे बोल सजनी के नैनो से बरसने वाले आसुओ को गीत में महसूस कराते हैं|
Song: Balam Kab Aaoge
Singer: Kalpana
Music and Lyrics: Mukesh Pandey
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साजन की याद ने सजनी के दिन का चेन और रात की नींद छीन ली| पिया की याद में सजनी का सोलह शृंगार बालम के इंतज़ार की घड़िया गिनने लगा| हज़ारो बातो को मन में दबाए सजनी बालम की राह तकने लगी|
Balam Kab Aaoge Song Lyrics
सावन की पड़ी रे फुहार बलम कब आओगे x2
करनी हें बतिया हज़ार बलम कब आओगे
सावन की पड़ी रे फुहार बलम कब आओगे
बिजली कडके बद्रा बरसे मोरे नैना दर्श क्प तरसे x2
अंखिया गये मल्हार बलम कब आओगे
करनी हें बतिया हज़ार बलम कब आओगे
रात की निंदिया दिन का चेना सब कुछ तेरी याद ने छीना x2
पूछे सोलहा शृंगार बलम कब आओगे
करनी हें बतिया हज़ार बलम कब आओगे
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