Tuesday, April 30, 2024
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भाई दूज, दूसरा पवित्र बंधन तथा महत्त्व

Bhai-Dooj 2017

गोवर्धन पूजा के बाद का दिन हमलोग भाई दूज के नाम से जानते है। ये भाई-बहनों का त्योहार होता है। भाई दूज भारत का एक सबसे प्रमुख और महान त्योहार है जब बहने अपने प्रिय भाइयों के लिए लंबे समय तक जीवित और समृद्ध जीवन प्राप्त करने के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। भाई-बहन के परस्पर प्रेम और स्नेह का प्रतीक हैं, भैया दूज

दूसरा पवित्र बंधन:

भाई दूज का यह त्यौहार विशेष रूप से भाई और बहन के मध्य स्थापित प्रगाढ़ संबंधों को दर्शाता है। राखी के बाद आने वाला यह पर दूसरा पवित्र बंधन सचमुच में केवल भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन समस्त बहनें अपने भाईयों के सुखद जीवन की कामना करती हैं तथा अपने स्नेह को उनके समक्ष प्रस्तुत कर पातीं है।

महत्त्व:

हिन्दूओं के बाकी त्यौहारों कि तरह यह त्यौहार भी परम्पराओं से जुडा हुआ है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उसकी लम्बी आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन कि रक्षा का वचन देता है। इस दिन भाई का अपनी बहन के घर भोजन करना विशेष रुप से शुभ होता है।

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यह दिन यम द्वितीया भी कहलाता है। इसलिये इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। एक मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है, उसे असमय मृत्यु का भय नहीं रहता है।

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